India News(इंडिया न्यूज़),SDM Jyoti Maurya: पिछले दिनों खबरों और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रही पीसीएस अधिकारी ज्योती मौर्य को बड़ी राहत मिली है। पति द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत में ज्योति मौर्य के खिलाफ को सबूत नहीं मिले। जांच में किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की पुष्टि नहीं हो पाई है। प्रयागराज मंडलायुक्त ने शासन को भेजी गई रिपोर्ट में ये खुलासा किया है कि ज्योति के खिलाफ भ्रष्टाचार के किसी भी प्रकार के सबूत नहीं मिले है।
वहीं कहा जा रहा है कि परिक्षण करने के बाद जांच प्रक्रिया को बंद कर दिया जाएगा। पति आलोक मौर्य ने जांच के दौरान अपनी शिकायत वापस ले ली थी।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य पर उनके पति आलोक मौर्य ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। नियुक्ति विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज होने के बाद शासन ने मामले की जांच प्रयागराज मंडलायुक्त को सौंपी थी। सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच के आदेश दिये थे। जिसके बाद प्रयागराज के मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी।
जिला आयुक्त प्रयागराज द्वारा गठित एक समिति ने मामले में ज्योति मौर्य के पति से पूछताछ की थी जांच के दौरान आलोक मौर्य ने अपने आरोप वापस ले लिये थे। यह रिपोर्ट अब मंत्रिस्तरीय समिति द्वारा सरकार को भेज दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक ज्योति के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला। पति की पिछली शिकायत की जांच में इन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के तलाक की सुनवाई 26 अक्टूबर को होने वाली थी। हालांकि, वकीलों की हड़ताल के कारण बैठक 6 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई। ज्योति मौर्य ने आलोक मौर्य और अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न समेत कई आरोप। इस मामले में बातचीत भी जारी है। हालांकि, आलोक मौर्य का कहना है कि वह अपनी दोनों बेटियों की वजह से दोबारा ज्योति मौर्य के साथ रहने को तैयार हैं।
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