India News UP (इंडिया न्यूज़),UP News: अलग प्रशासनिक पदों पर बैठे सरकारी अधिकारी समाज को एक अच्छा संदेश देने के लिए नजीर बनते हैं। कुछ ऐसा ही बातों को लेकर यूपी के वाराणसी में इन दिनों पुलिस कमिश्नर और आईपीएस अधिकारी मोहित अग्रवाल काफी चर्चा का विषय बने हुए है। दरअसल फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद स्थित अपराधी को एनकाउंटर में ढेर करने के बाद मोहित अग्रवाल ने उनकी बेटी की पढ़ाई लिखाई, खाने रहने से जुड़ा सारा खर्च अपने कंधे पर उठा लिया है। मिली सूचना के अनुसार वो बच्ची कानपुर के एक बोर्डिंग स्कूल में नामांकन लेकर पढ़ाई शुरू कर दी गयी है।
वर्तमान में वाराणसी में पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात आईपीएस अधिकारी मोहित अग्रवाल शहर की प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदार लिए हुए हैं। चार साल पहले जनवरी 2020 में कानपुर फर्रुखाबाद के अपराधी सुभाष बाथम ने दो से अधिक बच्चों को उनके जन्मदिन पर बंधक बना लिया था। उस समय कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने मामले को याद करते हुए कहा था कि सभी बच्चों को इस अपराधी से मुक्त करा लिया गया था। हालांकि एनकाउंटर में अपराधी को ढेर कर दिया गया था।
जनवरी 2022 में तानाशाह सुभाष की पत्नी की भी मौत हो गई। इस दौरान उनकी मासूम बेटी गौरी अपने परिजनों के साथ रहती थी। एफआईएफ अधिकारी मोहित अग्रवाल ने गौरी की शिक्षा और अन्य आवश्यक मामलों की देखभाल के लिए खुद को एक अभिभावक के रूप में स्थापित किया और उनके नामांकन के लिए कानपुर में एक बोर्डिंग स्कूल करा दिया।
कानपुर के बोर्डिंग स्कूल में उनका दाखिला हो गया है। अब वो वहीं कक्षा 1 से 12वीं तक पढ़ाई करेगी। मोहित अग्रवाल खुद गौरी के लिए खाने पीने रहने पढ़ने के सभी इंतजाम किए हैं।
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