India News UP (इंडिया न्यूज़), Mayavathi: लोकसभा चुनाव जारी है। इसके साथ नेताओं का आरोप- प्रत्यारोप भी जारी है। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि ‘दलित विरोधी’ समाजवादी पार्टी (एसपी) के लिए बेहतर होगा कि वह बीएसपी के अंदरूनी मामलों पर टिप्पणी न करे। उन्होंने अखिलेश यादव की पार्टी को सलाह दी कि वह अपने परिवार के सदस्यों और मौजूदा लोकसभा चुनावों में मैदान में उतरे यादव समुदाय के उम्मीदवारों पर ध्यान केंद्रित करे।
मायावती का यह बयान समाजवादी पार्टी द्वारा बसपा पर की गई टिप्पणियों के संदर्भ में है, जब उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक के पद से हटा दिया था।
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मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में लिखा, “सपा का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा की तरह दलितों, अति पिछड़ों के अधिकारों और संविधान में उन्हें दिए गए आरक्षण का घोर विरोधी है। पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करना और इस संबंध में संसद में विधेयक को फाड़ना ऐसे कार्य हैं जिन्हें माफ करना मुश्किल है।”
मायावती ने आगे लिखा, ”इसके अलावा, बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर बसपा सरकार द्वारा बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार का ऐसा कृत्य है जिसे इतिहास में काले धब्बे के रूप में याद किया जाएगा।”
मंगलवार,7 मई को मायावती ने अपने भतीजे आनंद को पार्टी के उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया था। यह आश्चर्यजनक फैसला उस दिन आया जब देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान हो रहा था।