India News (इंडिया न्यूज़) CM Dhami Action: साल 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में जिस तरह योगी सरकार ने दंगाइयों और गुंडों के खिलाफ एक्शन लिया है, पूरे दुनिया में इसका चर्चा है। अब ऐसे ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने भी एक्शन लेना शुरू कर दिया है। हल्द्वानी में हादसे के बाद सीएम धामी भी दंगाइयों और गुंडों को लेकर फॉर्म में आ गए है। उत्तराखंड के बनभूलपुरा में हुए उपद्रव के बाद सीएम पुष्कर धामी ने बयान दिया जिसमे कहा कि सरकारी संपत्ति के नुकसान करने वालों से पाई – पाई भरपाई की जाएगी।
पिछले दो दिनों में काशीपुर से लेकर हल्द्वानी तक हुई कार्रवाई से साबित होता है कि देवभूमि के धामी ने भी उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल को अपना लिया है। यानि उत्तराखंड में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। 12 फरवरी को काशीपुर के कटोराताल चौकी क्षेत्र में फरदीन नाम के युवक ने बीएससी की पढ़ाई कर रहे हिंदू छात्र पर जानलेवा हमला कर दिया था। किसी धारदार हथियार से। हमले में लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई।
लोगों के एकजुट होने पर छात्र की जान बमुश्किल बच सकी। जिसके बाद गुरुवार को पुलिस-प्रशासन और निगम की टीम फरार फरदीन के घर पहुंची। उनके घर को बुलडोजर से ढहा दिया गया। वहीं, 8 फरवरी को बनभूलपुरा में उपद्रवी हाथों में पत्थर लेकर पुलिस, निगम और मीडियाकर्मियों को चुन-चुनकर निशाना बना रहे थे।
उन्होंने जगह-जगह आगजनी की और थाने में भी आग लगा दी। पथराव में करीब 300 लोग घायल हो गये। जबकि करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ। जिसके बाद सीएम धामी ने साफ कहा कि हमलावरों से सख्ती से निपटा जाए। सरकारी घाटे की भरपाई उनकी संपत्तियों से ही की जाएगी। जिसके चलते शुक्रवार को पुलिस ने नौ फरार लोगों के पोस्टर चस्पा किये। इसके बाद टीम मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक के घर कुर्की पहुंची। यहां से बर्तन से लेकर चौखट तक जब्त किए गए।
जनसांख्यिकी बदलने में यह संदेश महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक जनसांख्यिकी तेजी से बदल रही है। बदमाशों के हौंसले बुलंद होने का एक कारण यह भी है। इसी वजह से धामी सरकार ने तय किया कि किसी भी घटना के बाद सख्त से सख्त कार्रवाई ही की जाएगी।
बनभूलपुरा उपद्रव से जुड़े 42 आरोपियों को गुरुवार तक गिरफ्तार किया जा चुका था। शुक्रवार को पुलिस ने इंदिरानगर ठोकर निवासी अजीम और नई बस्ती निवासी शहाबुद्दीन को भी गिरफ्तार कर लिया। वहीं, एक दिन पहले पांच युवकों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था।
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