India News (इंडिया न्यूज़)Agra News: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तैयारियां देशभर में चल रही हैं। हर कोई इसमें केवट के जैसा अपना योगदान देना चाहता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसके लिए पत्थरों को तराशने और उसे भव्य आकार देने का काम हो रहा है। आगरा के खेरागढ़ क्षेत्र में स्थित नगला कमाल, अएला समेत आसपास के गांव के दर्जनों लोग दिन-रात पत्थरों को तराशने में जुटे हैं। राजस्थान के भरतपुर से काफी मात्रा में राम मंदिर निर्माण के लिए बंसी पहाड़पुर का पत्थर आगरा के खेरागढ़ तहसील के नगला कमाल आ चुका है।
पत्थर की उम्र तकरीबन 5000 साल तक
बताया जाता है कि भरतपुर की रुदावल क्षेत्र के बंसी पहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल पहले भी कई विशेष इमारतों के निर्माण कार्य में इस्तेमाल हो चुका है। बंसी पहाड़पुर से निकलने वाले पत्थर की उम्र तकरीबन 5000 वर्ष तक मानी जाती है। इसी के चलते पिछले 3 महीनों से राम मंदिर के गर्भगृह और कक्ष और धरातल पर लगने वाले हिस्सों को नगला कमाल के कारीगरों के द्वारा नक्काशी और कलात्मक तौर पर तैयार किया जा रहा है।
संसद, लालकिला, बुलंद दरवाजा, अक्षरधाम और इस्कान बनाने में किया गया है प्रयोग
तराशने में लगे ओमवीर ने बताया कि राजस्थान के बयाना तहसील के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से लाए जा रहे विशेष क्वालिटी के पत्थरों को यहां तराशकर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए भेजा जाता है। मजदूर मुकेश ने बताया कि बयाना के पत्थरों का प्रयोग विशेष महल, किले या स्मारक को बनाने में होता है। नक्काशी देते हुए कारीगरों ने बताया कि बंशी पहाड़पुर के पत्थर की खासियत मजबूती और उसकी सुंदरता है। इसमें अन्य पत्थरों के मुकाबले अधिक भार सहने की क्षमता होती है। इसमें आसानी से पच्चीकारी हो सकती है। संसद, लालकिला, बुलंद दरवाजा, अक्षरधाम और इस्कान के अधिकांश मंदिरों में बंशी पहाड़पुर का पत्थर लगा है। इस पत्थर में रुनी यानी स्टोन कैंसर नहीं होता।