Monday, May 13, 2024
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Azamgarh News: बाटला हाउस की 14वीं बरसी पर राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल ने न्यायिक जांच कराने की मांग की, प्रशासन को सोपा ज्ञापन

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India News (इंडिया न्यूज़),Azamgarh News: आजमगढ़ राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल ने 19 सितम्बर को बटला हाउस एनकाउंटर कि चौदहवीं बर्सी के मौके पर इस एनकाउन्टर की न्यायिक जांच की मांग को लेकर राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन दिया। जिसमे बटला हाउस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग की गयी है। जिलाधिकारी को प्रेषित किया।

प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने क्या कहा?

इस अवसर पर राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि 2008 में तत्कालीन सरकार के गृह मंत्री के इशारे पर दिल्ली पुलिस द्वारा सरकार की किरकिरी होने से बचाने व मुस्लिम नौजवानों को बलि का बकरा बनाने की नियत से साजिश रच कर 19 सितम्बर 2008 को दिल्ली के बटला हाउस में फर्जी मुठभेड़ के दौरान दो बेकसूर मुस्लिम नौजवान आतिफ व साजिद के साथ एक जाबाज पुलिस इस्पेक्टर को मौत के घाट उतार दिया गया था। अनेक मुस्लिम नौजवानों को इस केस में फसा कर उनकी जिंदगीया बरबाद कर दी गई।

मृत्यु की घटना पर मजिस्ट्रेट जांच करवाना अनिवार्य

इस फर्जी इण्काउन्टर के खिलाफ राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल ने आजमगढ़ से लेकर दिल्ली तक जोरदार विरोध दर्शाया था और मांग की जो कि आज भी जारी है कि इस काण्ड की न्याययिक जांच कराई जाए। जिसे ना सिर्फ मुसलमानो अपितु मुल्क के हर न्याय प्रिय नागरिक का सहमती मिली और हर दिशा से न्याययिक जांच के लिए आवाज उठने लगी लेकिन यू.पी.ए. की केन्द्रीय सरकार ने इस इन्काउन्टर की न्याययिक जांच न कराकर लोकतंत्र का गला घोट दिया।

नुरुलहुदा ने कहाकि इस इन्काउन्टर के बाद कांग्रेस सरकार ने अपने कानूनी कर्तव्यों का भी पालन सही से नही किया। जब कि सी.आर.पी.सी. की धारा 176 के अंतर्गत किसी भी प्रकार के पुलिस टकराव में अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उस घटना की मजिस्ट्रेट जांच करवाना अनिवार्य है।

इन सब के बावजूद बटला हाउस काउंटर केस में आरम्भ से ही कानून कि धज्जियां उड़ाई गई एक बहादुर पुलिस अफसर एवं दो प्रतिभावान छात्रों की मौत हुई परन्तु न तो कांग्रेस ने भाजपा की केन्द्र सरकार और ना ही चुनाव से पहले इस इन्काउन्टर पर सवाल उठाने वाले अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद इस काण्ड की जांच करवाना मुनासिब नहीं समझा।

मुसलमानों की अस्मिता और देशभक्ति पर सवाल?

आखिर क्या वजह है कि इस इन्काउन्टर की जांच नहीं करायी जा रही है? अगर इन्काउन्टर सही था तो जांच में भी तो बड़ी सच निकलकर आएगा। इसका सच सामने आना ही चाहिये क्योंकि ये इण्काउन्टर सिर्फ एक क्षेत्र विषेश के नही बल्कि पूरे देश के मुसलमानों की अस्मिता और देशभक्ति पर सवाल है, भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती है पर क्या सबका साथ सबका विकास सबको न्याय के बिना संभव है? बटला हाउस फर्जी इन्काउन्टर की जांच की मांग हम तब  तक दोहराते रहेंगे जबतक सरकार हमारी मांग पूरी नही करती है।

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Ritesh Mishra
Ritesh Mishra
रितेश मिश्रा ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत ITV(India News)से की है। ये इंडिया न्यूज़ के साथ पिछले 11 महीने से जुड़े हुए हैं।
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