(Chaitra navratri 2023: Law of worshiping Gauri with nine Durga, this time Navratri of nine days)चैत्र नवरात्रि के साथ नवसंवत्सर की भी शुरुआत हो जाएगी। इस साल नवरात्रि में चार योग का महासंयोग बन रहा है। माता की पूजन अर्चन के लिए नौ दिन मिलेंगे।
खबर में खास:-
- चैत्र नवरात्रि के साथ नवसंवत्सर की भी शुरुआत हो जाएगी
- नवरात्रि में चार योग का महासंयोग बन रहा
- नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिनों की होगी
नौ दुर्गा के साथ गौरी पूजन का विधान
नवरात्रि के पहले दिन मुख निर्मालिका गौरी का पूजन होता है। दूसरे दिन ज्येष्ठा गौरी के दर्शन पूजन की मान्यता है। तीसरे दिन सौभाग्य गौरी के दर्शन-पूजन का महात्मय है। चौथे दिन शृंगार गौरी के पूजन की मान्यता है।
पांचवें दिन विशालाक्षी गौरी का दर्शन-पूजन होता है। छठें दिन ललिता गौरी के दर्शन-पूजन का महत्व है। सातवें दिन भवानी गौरी के दर्शन-पूजन की मान्यता है। आठवें दिन माता के गौरी स्वरूप के मंगला गौरी के पूजन-अर्चन का विधान है। नौवें दिन भगवती के गौरी स्वरूप में महालक्ष्मी गौरी के पूजन का महात्मय है।
रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का महासंयोग बन रहा
पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिनों की होगी। तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन रवि योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। 23, 27 और 30 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग लगेगा।
27 व 30 मार्च को अमृत सिद्धि योग और 24, 26 व 29 मार्च को रवि योग लगेगा। रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का महासंयोग बन रहा है।
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