Sunday, July 7, 2024
HomeGovernment ActionChamoli Landslide: जोशीमठ के बाद अब चमोली के लोग को भी अपना...

Chamoli Landslide: जोशीमठ के बाद अब चमोली के लोग को भी अपना घर छोड़कर कैंप में रहना करना पड़ा शूरु, जानिए पूरा मामला

- Advertisement -

(After Joshimath, now the people of Chamoli also had to leave their homes and start living in the camp): उत्तराखंड में भूस्खलन यानी घरों में दरारें आने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रही है। वही अब जोशीमठ के बाद चमोली जिले में भूस्खलन (Chamoli Landslide) का मामला सामने आया है। दरअसल अब जोशीमठ की तरह ही थराली तहसील के पैनगढ़ गांव  में भूस्खलन और घरों में दरारों आने से लोगों के लिए परेशानी बढ़ा दी है। अब वहा की स्थिति ये है कि लोग पिछले कई महीनों से अपने मकानों को छोड़कर शरणार्थी का जीवन जी रहे हैं।

पीढ़ियों से रह रहे थे लोग

कर्णप्रयाग-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर थराली के पास पिण्डर नदी पर पुरानी बसावटों में शामिल पैनगढ़ गांव के 40-45 परिवार घर से बेघर हो चुके हैं। ये सभी लोग अपने इस घर को छोड़ अब दूसरी जगहों पर शरण ले लिए हैं। गांव में लगभग 90  हैं, जो पीढ़ियों से वहां घर बना कर रह रहे थे।

 केदारनाथ की विपत्ति के बाद से बिगड़ने लगी स्थिति

अपको बता दें की वैसे तो गांव पर खतरे की शुरुआत साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा के समय से ही शुरू हो गयी थी। जहां अक्टूबर 2021 में इसने खतरनाक रूप ले लिया था। हालाकी इस गांव के निवासी गोपालदत्त ने बताया है कि अक्टूबर 2021 में गांव के ठीक उपर स्थित चोटी से शुरू होने वाले चीड़ के जंगल से पहले पड़ने वाले खेतों में दरारें उभर आयीं। फिर धीरे-धीरे ये दरारें जंगल तक पहुंच गई। जहां उन्होंने ये भी बताया है कि ये दरारें शुरुआत में छोटी थीं, लेकिन साल भर में जमीन में दरारों के साथ गड्ढे भी बन गए और इसने आपदा का रूप ले लिया। वहीं 21 अक्टूबर 2022 की रात दरारों वाले इलाके की धरती खिसकनी शुरू हो गई, जहां से बड़े-बड़े बोल्डर फिसल कर उनके गांव पर गिरने लगे।

टिन शेड के नाम पर धोखा

चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया आपदा राहत के तहत गांव के सुरक्षित स्थान पर टिन शेड का निर्माण किया गया है। जिसमें आपदा से प्रभावित लोगों को रखा जाएगा हांलांकि, गांव के ही सुरेन्द्रलाल नाम के एक व्यक्ति ने कहा है कि यह टिन शेड ऐसे स्थान पर बन रहा है, जो चीड़ के जंगलों से घिरा है और यहां न पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली की। उन्होंने कहा कि वहां जाने का पैदल रास्ता भी नहीं है और गर्मियों में चीड़ के इस इलाके में हर समय आग की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। इसे लोगों ने टिन शेड के नाम पर धोखा करार दिया है।

बन रही है योजना

बता दें जिला आपदा प्रबंधन अधिकरी ने बोला है कि पैनगढ़ में भूस्खलन से क्षतिगस्त मकानों का नियमानुसार मुवावजा दिया गया है। बाकी 44 परिवारों को विस्थापन नीति के अनुसार पुनर्वास किया जा रहा है। इसके लिए जगह चिन्हित करने की कार्यवाही जारी है।

ये भी पढ़ें- UP Weather Update: यूपी में हर रोज बढ़ रहा है पारा, जानिए आपके इलाके का हाल

SHARE
RELATED ARTICLES

Most Popular