Monday, July 8, 2024
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Chatrapati Shivaji Jayanti 2023: जानें… कब और कैसे मिली शिवाजी महाराज को छत्रपति की उपाधि?

शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में पुणे के पास मौजूद शिवनेरी के दुर्ग में हुआ था। उनकी कुशल शासक, सैन्य रणनीतिकार, एक वीर योद्धा, मुगलों का सामना करने वाला और सभी धर्मों का सम्मान करने वाले योद्धा ही उनकी खासियत थी।

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(Shivaji Maharaj was born on 19 February 1630 in the fort of Shivneri near Pune.): शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में पुणे के पास मौजूद शिवनेरी के दुर्ग में हुआ था। उनके माता का नाम जीजाबाई था और पिता का नाम शाहजी था। छत्रपति शिवाजी महाराज एक योद्धा और एक मराठा राजा थे।

Chatrapati Shivaji Jayanti 2023: शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के पास स्थित शिवनेरी के दुर्ग में हुआ था। उनकी कुशल शासक, सैन्य रणनीतिकार, एक वीर योद्धा, मुगलों का सामना करने वाला और सभी धर्मों का सम्मान करने वाले योद्धा ही उनकी खासियत थी। शिवाजी महाराज के पिता का नाम शाहजी था और उनके माता का नाम जीजाबाई था।

Chatrapati Shivaji Jayanti 2023
छत्रपति शिवाजी महाराज एक योद्धा और एक मराठा राजा थे

उनकी रणनीति वीरता की कहानी…

छत्रपति शिवाजी महाराज एक योद्धा और एक मराठा राजा थे। बता दें, छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों के खिलाफ कई लड़ाई लड़ी थी। उनकी वीरता, रणनीति और नेतृत्व को देखते हुए उन्हें ‘छत्रपति’ की उपाधी मिली थी।

आदिलशाह को था शिवाजी का खौफ

शिवाजी का बीजापूर और मुगलों के खिलाफ हुए युद्ध में कौशल और रणनीति को सबने सलाम किया। उनकी गुरिल्ला युद्ध कला उनके हर दुश्मनों पर भारी पड़ती थी। चौथ और सरदेशमुखी के आधार पर राजस्व संग्रह प्रणाली की मदद से शिवाजी ने एक मजबूत मराठा राज्य की नींव रखी। शिवाजी की बढ़ती प्रसिद्धि से बीजापुर के शासक आदिलशाह खौफ खाने लागे थे। जिसके बाद आदिलशाह ने उन्हें बंदी बनाने की योजना बनाई।

पिता को बनाया आदिलशाह ने बंदी

शिवाजी को आदिलशाह के षड्यंत्र का अंदाजा हो गया था।  आदिलशाह ने शिवाजी को तो नहीं पकड़ पाएं पर उसकी योजना में शिवाजी बंदी बना लिए गए। जिसकी जानकारी शिवाजी को मिलते ही उन्होंने आदिलशाह को इसका मुंहतोड़ जवाब देने की योजना बनाई। शिवाजी को अपनी निती और शाहस से उस जेल का पता लगाने में ज्यादा वक्त नहीं लगा, जिस जेल में शिवाजी के पिता को कैद किया गया था। जिसके बाद शिवाजी ने न सिर्फ अपने पिता को जेल की कैद से छुड़ाया बल्कि पुरंदर और जावेली के किलों पर कब्‍जा भी कर लिया।

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