Friday, July 5, 2024
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Dev Deepawali काशी में जलाए गए 15 लाख दिये

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इंडिया न्यूज़, वाराणसी : 

 

Dev Deepawali भगवान शिव की नगरी काशी में शुक्रवार की शाम को ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला। राजघाट पर उद्घाटन का औपचारिक दीया जलने से पहले ही सभी 84 गंगा घाटों पर अलौकिक छठा बिखर गई। गंगा पार रेती पर भी जलते दियों ने श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित किया। लोगों ने पहली बार जल और थल के साथ ही नभ से भी आकर्षक नजारे का दिदार किया।

Dev Deepawali: Kashi city lit up with millions of lampsइस बार लोगों ने गंगा घाट की सीढ़ियों और नाव के साथ ही रंग बिरंगे गुब्बारों से देव दीपावली देखने का आनंद लिया। डोमरी से उड़ाए गए बैलून से घाटों की अद्भुत छठा दिखाई दी। अनूठे उत्सव का नाजारा देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग गंगा घाटों पर पहुंच गए। गंगा घाट की ओर जाने वाली हर गली में भारी भीड़ देखने को मिली।
बार-बार गंगा में बढ़ाव ने इस बार लोगों को थोड़ा परेशान भी किया। कुछ घाटों पर सिल्ट की सफाई पूरी नहीं हो पाई थी जिस कारण लोगों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा।

सूर्य के छिपते ही माटी के दीपों काशी नगरी जगमग हो गई। गोधूलि बेला के साथ ही एक-एक कर दीपों की अनगिन श्रृंखला पूर्णिमा के चांद की चांदनी को चुनौती देने के लिए बेकरार थी। इस दौरान घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी लोगों का मन मोहा। शहर के विभिन्न सरकारी संस्थानों, भावनों व बिजली पोल को भी इस दौरान तिरंगे रंग के झालरों से सजाया गया।

कई हस्तियां भी पहुंची Dev Deepawali 

Dev Deepawali: Kashi city lit up with millions of lampsगंगा मईया के तट पर अलौकिक छटा देखने के लिए देश के हिस्सों से हजारों लोग शहर में 2 दिन पहले से ही पहुंच गए थे। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने राजघाट पर देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ किया।

इस दौरान राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, उमा भारती सहित कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं। दक्षिण भारत से आए भक्तों ने तामिलनाडु के ओंकार आश्रम के महाधिपति स्वामी ओंकारानंद के सानिध्य में शिवाला घाट पर गंगा पूजन के साथ पूर्णिमा अनुष्ठान का श्रीगणेश किया।

भक्तों ने दक्षिण भारतीय पद्धति से गंगा पूजन किया। स्वामी ओंकारानंद ने बताया कि काशी में 20वां आयोजन संन्यासिनी प्रवणकुमारी (लक्ष्मी बाई) की पुण्य स्मृति को समर्पित है। प्रखर साधिका लक्ष्मी बाई गुप्त रूप से मानस सेवा करती रही हैं।

गंगा घाट पर 15 लाख दीपक जलाने का दावा Dev Deepawali 

Dev Deepawali: Kashi city lit up with millions of lampsवरुणा नदी के तट पर स्थिति रामेश्वर और शास्त्री घाट भी दिन ढलते ही दीपों की रोशनी से नहा उठे। गंगा घाट पर ही इस बार 15 लाख दीपक जलाने का दावा किया जा रहा है। अगर वरुणा और अन्य स्थानों पर जले दीपकों को जोड़ लें तो यह आंकड़ा कहीं अधिक हो जाएगा। Dev Deepawali

दोपहर बाद ही घाट और गलियां लोगों से पटीं Dev Deepawali 

इस बार भी हर बार की तरह लोगों में भारी आस्था देखने को मिली। देश विदेश से आने वाले सैलानियों से घाट गलियां और नदी शाम ढलने से पहले ही पटीं दिखीं। जैसे जैसे भगवान भाष्कर अस्ताचलगामी हुए वैसे वैसे ही आस्था का रेला गंगा धार की ओर दीयों की रोशनी अर्पित करने स्वत: स्फूर्त भाव से बढ़ चला।

भगवान शिव को समर्पित इस विशिष्ट आयोजन में काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा अंचलों में मारकंडेय महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, सारंगनाथ महादेव, बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर और दुगार्कुंड स्थित दुर्गा मंदिर में भी शाम होते ही असंख्य दीपों की लड़ियों ने प्रकाश पर्व के आयोजन को और गति दी।

दोपहर बाद ही उमड़ा आस्था का उफान Dev Deepawali 

Dev Deepawali: Kashi city lit up with millions of lamps

काशी के प्रमुख घाटों पर दोपहर बाद तीन बजे से ही आस्था का उफान ऐसा उमड़ा कि दिन ढलने तक हर-हर महादेव और हर-हर गंगे का उदघोष कर भीड़ का बहाव गंगा तट की ओर बढ़ता दिखाई दिया। Dev Deepawali

देखते ही देखते घाट पर पांव रखने की भी जगह मिलनी मुश्किल हुई तो लोगों ने दूसरे घाटों का रुख कर देव दीपावली के पर्व को विस्तार दिया। गंगा तट स्थित घाटों की श्रृंखला के क्रम में हर घाट पर अनोखे तरीके से हुई सजावट ने जहां लोगों का मन मोह लिया वहीं पंचगंगा घाट पर प्रकाशित होने वाला हजारा का मंच भी अनोखे जल प्रकाश पर्व पर आभा बिखेरता नजर आया। Dev Deepawali

आकर्षण का केंद्र रही अन्नपूर्णा की प्रतिकृति Dev Deepawali 

Dev Deepawali: Kashi city lit up with millions of lampsकनाडा से लगभग 108 साल बाद काशी लाई गई मां अन्नपूर्णा की प्रतिकृति मानसरोवर घाट पर लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। देव दीपावली पर इस प्रतिकृति को प्रदर्शित करने की परिकल्पना धनावती देवी ने की। वह इस तरह के प्रेरक कार्य में हमेशा से रुचि दिखाती रही हैं।

 

पौराणिक देव दीपावली की जनक एवं विस्तारभूमि पंचगंगा पर परम्परानुसार गोधूलिबेला में श्रीमठ स्थित महारानी अहिल्याबाई की ओर से स्थापित ऐतिहासिक हजारा दीपस्तम्भ का जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामनरेशचार्य विधिवत पूजन किया। उनके हजारा दीपस्तम्भ के दीपक जलाने के साथ ही काशी के 84 पक्के घाटों पर दीपप्रज्जवलन शुरू हो जाएगा। श्रीमठ की ओर से अन्य सात हजारा दीपस्तंभ भी प्रज्वलित किए गए।

पांच ब्राह्मणों ने इस दौरान पंचगंगा की महाआरती की। पंचगंगा में गंगा, यमुना, सरस्वती, किरणा और धूतपापा नदियां शामिल हैं। पूजन के बाद पूर्वांचल के विशिष्ट गायकों का भजनगान भी शुरू हुआ।

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