Global Warming: (Effects of global warming started appearing in Champawat) लंबे समय से बारिश व बर्फबारी ना होने से पहाड़ों में ग्लोबल वार्मिंग का असर दिखने लगा है। चंपावत में हर साल अप्रैल के महीने में खिलने वाला राज्य फूल बुरास इस साल फरवरी के महीने में खिलने लग गया। जिस पर क्षेत्र के पर्यावरणविदों ने गहरी चिंता जताई है।
खबर में खास:-
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पहाड़ों में ग्लोबल वार्मिंग का असर
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चंपावत में ग्लोबल वार्मिंग से बुरास फरवरी के महीने में खिले
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ग्लोबल वार्मिंग के लिए मनुष्य खुद जिम्मेदार
पूर्व ब्लाक प्रमुख ने गहरी चिंता जताई
ग्लोबल वार्मिंग का असर पूरी दुनियां के साथ साथ पहाड़ों में भी दिखने लगा है। क्षेत्र में लंबे समय से बारिश व बर्फबारी ना होने के कारण चंपावत जिले में ग्लोबल वार्मिंग से अप्रैल के महीने में खिलने वाला राज्य फूल बुरास फरवरी के महीने में खिलने लग गया । जिसे लेकर क्षेत्र के पर्यावरणविद व पूर्व ब्लाक प्रमुख रूप सिंह बोहरा ने गहरी चिंता जताई है।
ग्लोबल वार्मिंग के लिए मनुष्य खुद जिम्मेदार
पर्यावरणविद व पूर्व ब्लाक प्रमुख रूप सिंह बोहरा ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए मनुष्य खुद जिम्मेदार है। मनुष्यों के द्वारा लगातार अपने फायदे व विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, तथा डैम बनाकर नदियों का बहना रोका जा रहा है।जगह-जगह देशों के बीच युद्ध चल रहे हैं। इसके अलावा बढ़ते वाहन और कारखाने ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। जिसका असर भूस्खलन ,बाढ़ व भूकंप के रूप में देखने को मिल रहा है। बोहरा ने बताया मनुष्य के द्वारा करी जा रही गलतियों के नतीजे एक दिन भयानक रूप से उनके सामने आएंगे।
गलोबल वार्मिंग के चलते हिमालय तेजी से पिघल रहा
उन्होंने कहा गलोबल वार्मिंग के चलते हिमालय तेजी से पिघल रहा है। जिस कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ने लगा है, तथा समय से बारिश नहीं हो पा रही है। इस कारण पूरा पर्यावरण गड़बड़ाने लगा है। जिसके चलते पूरा मौसम चक्र बदलने लगा है। बोहरा ने बताया मनुष्य को सतर्क हो जाना चाहिए। अन्यथा भविष्य में परिणाम काफी गंभीर होंगे। जिसे पूरी मनुष्य जाति के साथ-साथ जानवरों को भी भुगतना पड़ेगा।