Monday, July 8, 2024
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Harishankar Tiwari: हरिशंकर तिवारी पर 7 बैंकों का 1 हज़ार करोड़ से ज्यादा का बकाया, जानिए बाहुबली नेता की इनसाइड स्टोरी

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India News (इंडिया न्यूज़),Harishankar Tiwari: उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी का मंगलवार शाम निधन हो गया। पिछले कई दिनों से वो बीमार चल रहे थे। आज बुधवार 17 मई को उनका अंतिम संस्कार होगा। उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। तिवारी को कद्दावर नेताओं में से एक माना जाता रहा है। उनके निधन की खबर सुनने के बाद उनके आवास पर मंगलवार से ही जानने वालों और समर्थकों का तांता लग गया हुआ है।

तिवारी 5 बार रहे मंत्री

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में 1980 से लेकर 2000 तक करीब 3 दशक तक एक नाम अच्छा खासा नाम चर्चा में बना रहा और वो नाम था हरिशंकर तिवारी का। साल 1997 से 2007 तक प्रदेश के पूर्व सीएम और दिवंगत नेता कल्‍याण सिंह से लेकर मुलायम सिंह यादव तक की सरकार में मंत्री रहे। वो करीब 5 बार मंत्री बने। इनके बारे में कहा जाता है कि वो इसी दौर में पूर्वांचल के डॉन कहे जाते थे। पूर्वांचल के क्षेत्रों में इनकी धमक और भय था। बता दें उन पर गैंगस्टर एक्ट के मामले में फिलहाल कार्रवाई भी चल रही थी।
हरिशंकर तिवारी/सोशल मीडिया

जेल से चुनाव जीतने वाले पहले गैंगस्टर

हरिशंकर तिवारी का जन्म 1933 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चिल्लूपार गांव टांडा में हुआ। तिवारी ब्राहम्ण जाति से थे और राजनीति में ब्राहम्ण चेहरा थे। भारतीय राजनीतिक इतिहास में तिवारी जेल से चुनाव जीतने वाले पहले गैंगस्टर थे। तिवारी न सिर्फ दिवंगत नेता मुलायम सिंह और कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री रहे बल्कि वो राजनाथ सिंह और मायावती की सरकार में भी मंत्री रहे हैं।
हरिशंकर तिवारी/फाइल फोटो

बाहुबली नेता की संपत्ति को लेकर अक्सर कई दावे

हरिशंकर तिवारी ने 70 के दशक में अपने प्रभाव को धीरे-धीरे बढ़ाना शुरू किया। इसके बाद वे राजनीति में बाहुबली नेता बनकर उभरे। आम लोगों और पीड़ितों की पहले आवाज बने और उनके सहयोग और समर्थन के दमपर अपना दबदबा भी बनाया। बाहुबली नेता की संपत्ति को लेकर अक्सर कई प्रकार के दावे किए जाते रहे हैं। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर वे चिल्लूपार विधानसभा सीट से उम्मीदवार बने। अपने चुनावी हलफनामे में हरिशंकर ने एक करोड़ 64 लाख पांच हजार रुपए की संपत्ति की घोषणा की थी।

CBI ने मारा था जब छापा

साल 2020 की बात है। अचानक जब सीबीआई ने हरिशंकर तिवारी सीबीआई के घर पर छापा मारा था। इस छापे के बाद ही  वो चर्चा के केंद्र में आ गए थे। मीडिया ने भी हाईलाइट किया। विपक्ष ने चारों ओर से घेरा हालांकि उनसे बााद में पूछताछ भी हुई। हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे भीष्मशंकर तिवारी संतकबीरनगर से पूर्व सांसद रहे हैं।

फाइल फोटो
7 बैंकों का 1129 करोड़ रुपए का बकाया

जबकि पूर्व बसपा विधायक और छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी पर तब 7 बैंकों के 1129 करोड़ रुपए के बकाए का मामला सामने आया था। इस बात की जानकारी डेबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल की ओर से जारी ने की थी। डीआरटी के मुताबिक, मैसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड और अन्य फर्म ने अलग-अलग बैंकों से कर्ज लिया। उन पर सबसे अधिक कर्ज बैंक ऑफ इंडिया का जो करीब 284 करोड़, आईडीबीआई का 216.43 करोड़ और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 117.66 करोड़ रुपए का बकाया दिखाया गया है। हरिशंकर तिवारी परिवार पर केनरा बैंक के 142.49 करोड़, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के 100.44 करोड़, कॉरपोरेशन बैंक 166.21 करोड़ और एक्सिस बैंक 102.99 करोड़ रुपए का भी कर्ज शामिल है। बैंकों की ओर से वसूली के लिए उनके खिलाफ कई बार समन तक जारी किया जा चुका है।

बाहुबली नेता/ फाइल फोटो
 तिवारी के पास 67 करोड़ से अधिक की संपत्ति

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे और बसपा से विधायक रहे विनय तिवारी ने समाजवादी पार्टी में चले गए थे। सपा उम्मीदवार के तौर पर विनय तिवारी चिल्लूपार से चुनावी मैदान में उतरे। उन्होंने चुनावी हलफनामे में जो संपत्ति का बताया था। उसके मुताबिक चुनावी मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों में वे सबसे ज्यादा पैसे वाले थे। बता दें कि विनय तिवारी और उनकी पत्नी के पास 67.51 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति का चुनावी हलफनामा दिया गया।

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Monu kumar
Monu kumar
मोनू कुमार ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत India Ahead News Channel (इससे पहले ये यूट्यूब पोर्टल Jantalk और mdvlogs का भी हिस्सा रहे हैं) से की। फिलहाल ये अभी हमारे ITV Network (India News) का हिस्सा हैं।
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