India News UP (इंडिया न्यूज़), Kul Devi Devta: आज के समय में अधिकतर लोगों को अपने कुल देवी-देवता के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं होती है। यही कारण है कि कई वर्षों तक कुल देवता/देवी की पूजा नहीं की जाती है। परिवार का सुरक्षा कवच खत्म होने से कई समस्याएं अचानक खड़ी हो रही हैं।
वर्षों से स्थान परिवर्तन के कारण हम नहीं जानते कि हमारे कुल देवता/देवी कौन हैं। उनकी पूजा कैसे की जाती है? उनकी पूजा कब की जाती है? आज हम एक प्रभावशाली प्रयोग के माध्यम से कुल देवताओं के बारे में जानेंगे। यह अत्यंत सरल एवं सुलभ प्रयोग है तथा इसे कोई भी कर सकता है।
यह ग्यारह मंगलवार का प्रयोग है। यह प्रयोग किसी भी शुक्ल पक्ष के मंगलवार से प्रारंभ करें। सुबह पूजा के समय एक साबूत सुपारी लें और उसे स्नान कराकर पत्थर पर रख दें। अब सरल शब्दों में प्रार्थना करें, “हे हमारे कुल के कुल देवता, आप कौन हैं और कहाँ हैं?” रात को सोने से पहले सुपारी की दोबारा पूजा करें।
ऐसा करें और प्रार्थना करें, “हे हमारे कुल के कुल देवता, मैं आपको जानना चाहता हूं, कृपया मेरे सपनों में मेरा मार्गदर्शन करें। अब इस सुपारी को अपने तकिए के नीचे रखकर सो जाएं और फिर से सुपारी को वापस मंदिर में रख दें और पंचोपचार पूजा करें।
नियम यह है कि उपाय के ग्यारहवें मंगलवार को आपको कठोर व्रत रखना होगा। अकल्पनीय तरीके से, आपको अपने सपनों में अपने कुल देवताओं के स्थान के बारे में पूर्ण मार्गदर्शन मिलेगा। यह प्रयोग मंगलवार से शुरू करके 11 मंगलवार तक जारी रखें। मंगलवार के दिन सुबह स्वच्छ होकर स्नान आदि करें और अपने देवी-देवताओं की पूजा करें।
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