India News (इंडिया न्यूज) UP, Mahashivratri 2024: देशभर में आज महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का महत्वपूर्ण त्योहार है। वहीं, महादेव से जुड़ी कई रोचक कथाएं भी हैं जिन्हें पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। ऐसी ही एक घटना है जहां मां काली ने भगवान शिव की छाती पर अपना पैर रख दिया था। तो आइए इस कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कैसे हुई मां काली की उत्पत्ति (Mahashivratri 2024)
कथा के अनुसार, एक समय था जब पृथ्वी पर राक्षसों का अत्याचार था। इस अत्याचार से निपटने के लिए देवी दुर्गा ने देवताओं की मदद की। मां दुर्गा ने राक्षस रक्तबीज से युद्ध किया था। इस युद्ध के दौरान मां काली की उत्पत्ति हुई। मां काली की दहाड़ से पूरा ब्रह्मांड कांप उठा।
मां काली के पास जो राक्षस खड़े थे वे शक्ति के प्रचंड क्रोध से जलकर भस्म हो गये। वह अपनी रक्त-लाल आँखों, खोपड़ी में गहराई तक धँसी हुई, जंगली शक्ति के साथ प्रकट होने के लिए उत्सुक, और माथे से चमकती तीसरी आँख के साथ सबसे डरावनी लग रही थी।
मां काली ने किया रक्तबीज का अंत (Mahashivratri 2024)
रक्तबीज का अंत करते-करते मां इतनी क्रोधित हो गईं कि उन्हें शांत करना मुश्किल हो गया। मां काली का यह रूप विनाशकारी हो सकता था इसलिए सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और कहा कि केवल आप ही मां के क्रोध को शांत कर सकते हैं।
मां काली की उत्पत्ति के समय उनका स्वरूप ब्रह्माण्ड में भयानक था। उनकी गर्जना से राक्षस सेना का भयंकर विनाश मां काली ने रक्तबीज का अंत किया और उनके क्रोध को शांत किया। इसके बाद भगवान शिव ने मां काली के क्रोध को भी शांत किया।
इस कथाएं का संदेश यह है कि भगवान की आराधना और भक्ति करने से कोई भी कठिनाई दूर हो सकती है। यह हमें महाशिवरात्रि के त्योहार पर भगवान की शक्ति और आशीर्वाद का एहसास कराता है।
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