India News (इंडिया न्यूज़), Moradabad News: मुरादाबाद। कांठ नगर पंचायत में एक लेखपाल को भूमि की जांच में झूठी रिपोर्ट देने पर निलंबित कर दिया गया। जबकि तहसीलदार और एसडीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने सख्त हिदायत दी है कि कोई भी जांच गंभीरता से की जाए। फर्जीवाड़ा नहीं हो।
आईजीआरएस के प्रकरण की जांच की गई
नगर पंचायत अध्यक्ष इकबाल आलम की शिकायत के बाद आईजीआरएस के प्रकरण की जांच की गई। अवैध कब्जे की इस शिकायत में लेखपाल वाहिद हुसैन ने नगर पंचायत के मौढ़ा पट्टी में जांच की। गाटा संख्या 266 जो राजस्व अभिलेखों में बंजर दर्ज है उसमें कोई अवैध कब्जा नहीं होने की रिपोर्ट देकर प्रकरण निस्तारित किया। डीएम ने आठ सितंबर को जांच एडीएम प्रशासन गुलाब चंद से करवाई। एडीएम प्रशासन ने जांच में उक्त गाटा संख्या पर सड़क बना कर कब्जा पाया। इससे स्पष्ट हो गया कि लेखपाल ने झूठी आख्या दे दी। हैरत इस बात की है कि तहसीलदार ने भी इस आख्या को अग्रसारित कर दिया। एक अन्य मामले में मौढ़ा पट्टी के गाटा संख्या 55 जो राजस्व अभिलेखों में चक मार्ग है पर कब्जा पाया।
बिल्डर से मिलीभगत करके छिपाई अवैध कब्जे की बात
मुरादाबाद। लेखपाल ने बिल्डर से मिलकर अवैध कब्जे की बात छिपाई। एडीएम प्रशासन की जांच में पाया गया कि जिस
गाटा संख्या 266 पर बंजर दर्ज है वहां अवैध सड़क बनाई गई है। इससे सटे गाटा 263 में विजय कालोनी के नाम से प्लाटिंग की गई है। इस जमीन के भू स्वामी वाले सत्येंद्र ने एडीएम को बताया कि उन्होंने अपनी भूमि नईम सैफी को बेची थी उनके द्वारा कालोनी बनाई गई। वहीं गाटा संख्या 266 पर कब्जा कर सड़क डाल दी। लेखपाल ने अवैध कब्जा
दर्शाया ही नहीं।