India News (इंडिया न्यूज़) Elvish Yadav: एल्विश यादव की मुश्किलें रुकने का नाम नहीं ले रही है। अभी कुछ दिनों पहले एल्विश यादव का एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमे वो एक युवक को थप्पड़ मारते दिखे। जिसके बाद सोशल मीडिया पर बिना वजह जाने उनको ट्रोल किया गया। खैर बाद में उन्होंने इस बात को साफ किया और मामले के प्रकरण को बताते हुए वीडियो शेयर किया। वही रेव पार्टी मामले में एल्विश यादव की मुश्किलें नोएडा पुलिस ने बढ़ा दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेव पार्टी मामले में एफएसएल की रिपोर्ट में सापों के जहर का होना अस्पस्ट कर दिया गया है। एफएसएल ने जो रिपोर्ट दी उसमे सपेरों से बरामद जहर करैत प्रजाति के सांपों के होने की पुष्टि हुई है। बता दें, इस मामले में पिछले साल (1 नवंबर 2022) को पीएफए की शिकायत पर एल्विश यादव समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, रेव पार्टी में सांप का जहर सप्लाई करने के मामले में नया मोड़ आ गया है और इस बात की पुष्टि हो गई है कि छापेमारी के दौरान रेव पार्टी से बरामद नशीले पदार्थों में सांप का जहर मौजूद था। इस रेव पार्टी मामले में नोएडा पुलिस ने 5 सपेरों को गिरफ्तार किया था। अब माना जा रहा है कि एफएसएल रिपोर्ट से एल्विश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि, नोएडा पुलिस ने कहा है कि पहले एएफएसएल रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद ही कुछ कहा और किया जाएगा। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
गौरतलब है कि पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक आरोप है कि एल्विश यादव ने विदेशी लड़कियों के साथ अवैध रेव पार्टी का आयोजन किया था और इस पार्टी में नशे के लिए कोबरा समेत कई जहरीले सांपों के जहर का इस्तेमाल किया गया था। इतना ही नहीं आरोप तो यह भी है कि ये लोग पार्टियों में जहर सप्लाई करने के लिए मोटी रकम वसूलते थे। पुलिस और वन विभाग की टीम ने जब रेव पार्टी पर छापा मारा तो पूरा मामला खुल गया।
नोएडा पुलिस ने पिछले साल नवंबर में सेक्टर 51 में छापा मारकर इस रेव पार्टी का खुलासा किया था। पुलिस ने छापेमारी के दौरान रेव पार्टी से 9 जहरीले सांप भी बरामद किए। इतना ही नहीं आरोपियों के पास से 20 से 25 मिलीलीटर नशीला जहर भी बरामद हुआ। बरामद किए गए सांपों में पांच कोबरा, दो दोमुंहा सांप, एक लाल सांप और एक अजगर शामिल हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सेक्टर 51 सैफरन वेंडिंग विला में छापेमारी की, जिसके बाद इस रेव पार्टी का भंडाफोड़ हुआ। वन विभाग ने वन जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज किया था।
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