India News UP (इंडिया न्यूज़), Loksbha Election 2024: MLC पद से आलोक शाक्य की टिकट कटने पर शाक्य मतदाता को नाराजगी पर डिंपल यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोई शाक्य मतदाता नाराज नहीं होगा, आलोक शाक्य हमारे पार्टी के मजबूत स्तंभ है। वही सपा से बृजभूषण सिंह की टिकट पर डिंपल यादव ने कहा कि चर्चाएं चल रही है, ऐसी कोई बात नहीं है, कौन कहां से चर्चा चला देता यह आप सब लोगों को पता है, मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई सच्चाई है।
वही, बीएसपी से गठबंधन पर डिंपल यादव ने कहा जो गठबंधन होना था वह हो चुका है, सीट शेयरिंग भी हों चुकी है। अरविन्द केजरीवाल का बयान इस बार धर्म और अधर्म का चुनाव है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है ये चुनाव संविधान को बचाने का है और जो पार्टियां संविधान के पक्ष में है वों एक साथ आ चुकी हैं और साथ में चुनाव लड़ रहीं हैं। केशव प्रसाद के चुनाव लड़ने पर बड़ी चुनौती पर डिंपल ने कहा चुनौती नहीं होंगी, मैनपुरी की जनता जागरूक हैं, और जानते हैं कि मैनपुरी में किसने सबसे ज्यादा काम कराया हैं।
एजेंसियो के सर्वे में एनडीए को यूपी में 75 से अधिक सीटें मिलने पर जब डिंपल यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों के पास सर्वाधिक पैसे हैं, वह ऐसे सर्वे करते रहते हैं और आप जानते हैं कि मीडिया भी किसकी है तो ऐसे चुनाव के दौरान सर्वे होते रहेंगे। वही ईवीएम को लेकर डिंपल यादव ने कहा कि जितने भी विकसित देश है वहां सभी जगह ईवीएम से चुनाव हो रहा है और लोगों को विश्वास भी वॉलेट में है, ईवीएम खराब है या सही यह बात अलग है पर लोगों को ईवीएम में विश्वास है तो उसी से चुनाव होना चाहिए।
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आलोक शाक्य की गिनती साफ सुथरी छवि वाले नेताओं में होती है। 2002 से 2012 तक वह लगातार तीन बार भोगांव से सपा के टिकट पर जीतकर विधायक बने। वह अपने पिछले कार्यकाल में राज्य मंत्री भी थे। 2017 और 2022 के चुनाव में उन्हें बीजेपी के रामनरेश अग्निहोत्री से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद पार्टी ने उन्हें डेढ़ साल पहले सपा का जिलाध्यक्ष बना दिया।
सोशल मीडिया पर आलोक शाक्य को एमएलसी प्रत्याशी बनाए जाने की खबरें उड़ती रहीं। उनके समर्थकों ने भी उन्हें बधाई दी। जब आलोक शाक्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान जो भी फैसला लेगा वो मंजूर होगा। वह पार्टी के सच्चे कार्यकर्ता हैं और हमेशा रहेंगे। अब मैनपुरी के सपा कार्यकर्ताओं को भी पार्टी की आधिकारिक घोषणा का इंतजार है। माना जा रहा है कि सोमवार को नामांकन के दौरान ही स्थिति स्पष्ट हो जायेगी।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद दिसंबर 2022 में लोकसभा उपचुनाव हुआ। इसमें सपा ने डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था। चुनाव से ठीक पहले पूर्व विधायक आलोक शाक्य को सपा जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी। इससे संदेश साफ था कि शाक्य मतदाताओं के बीच भी सपा अपना प्रभाव बढ़ा रही है। नतीजे आए तो डिंपल यादव को फायदा मिला और वह 2।88 लाख वोटों से जीत गईं।