India News UP (इंडिया न्यूज़), UP Madrasa Board : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह कृत्य धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है। गौरतलब है कि यूपी सरकार ने मदरसों की जांच के लिए अक्टूबर 2023 में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी मदरसों को मिल रही विदेशी फंडिंग की जांच कर रही है। याचिकाकर्ता अंशुमान सिंह राठौड़ और अन्य ने याचिका दायर कर इस कानून को चुनौती दी थी। न्यायमित्र अकबर अहमद व अन्य अधिवक्ताओं ने अदालत में अपना पक्ष रखा।
यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में इस्लामी शिक्षा संस्थानों का सर्वेक्षण करने के निर्णय के महीनों बाद आया है। इसमें मदरसों को विदेश से होने वाली फंडिंग की जांच के लिए अक्टूबर 2023 में एक SIT भी बनाई गई थी। हाईकोर्ट का यह फैसला अंशुमान सिंह राठौड़ की ओर से दायर रिट याचिका पर आया है। इसमें यूपी मदरसा बोर्ड की शक्तियों को चुनौती दी गई थी।
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साथ ही, भारत सरकार और राज्य सरकार और अन्य संबंधित अल्पसंख्यक कल्याण विभागों द्वारा मदरसे के प्रबंधन पर आपत्ति जताई गई है। गौरतलब है कि यूपी सरकार ने मदरसों की जांच के लिए अक्टूबर 2023 में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी मदरसों को मिल रही विदेशी फंडिंग की जांच कर रही है। याचिकाकर्ता अंशुमान सिंह राठौड़ और अन्य ने याचिका दायर कर इस कानून को चुनौती दी थी। न्यायमित्र अकबर अहमद व अन्य अधिवक्ताओं ने अदालत में अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने यह फैसला सुनाया।
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