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चंद्रगुप्त मौर्य को मारने के आई कन्या ने आखिर क्यों सेनापति को मारा, अनोखी है कहानी

• LAST UPDATED : February 14, 2024

India News (इंडिया न्यूज़) Valentine Day Special: पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा महाराजा अपने दुश्मन से बचने के लिए और अपने राज्य को सुरक्षित रखें के लिए कई पैतरे आजमाते थे। जिसमे से एक पैतरा विष कन्या का भी होता था। उस समय राज्य की सुंदर लड़कियों को बचपन से ही थोड़ा – थोड़ा जहर पीला कर उनको विष कन्या बनाया जाता था। ये जब बड़ी हो जाती थी तब इन कन्याओं को दूसरे राज्य के राजा के पास भेजा जाता था। वहा ये कन्या राजा को मौत के घाट उतार देती थी।

क्या थी मगध के राजा की कहानी

यह भी उल्लेख मिलता है कि कई बार विष कन्याएं शत्रु को जहरीली शराब पिलाकर मार देती थीं। शराब में जहर घोलने के लिए वह सबसे पहले उसी कप से एक घूंट पीती थी। लेकिन उसका सबसे चतुर तरीका चुंबन के जरिए लोगों को मारना था। कहा जाता है कि मगध के राजा नंद के मंत्री अमात्य राक्षस ने चंद्रगुप्त मौर्य को मारने के लिए एक विषकन्या भेजी थी। लेकिन चाणक्य को इस षड़यंत्र पर संदेह हो गया और उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को बचा लिया। और गलत व्यक्ति को विष कन्या ने मार डाला, जिसका नाम पर्वतक था।

लोककथाओं में विषकन्या विषय भी खूब फला-फूला। संस्कृत साहित्य सुक्सप्तित में, तोता उस लड़की के बारे में एक कहानी सुनाता है जो उसकी कहानी की नायिका को अपने शरीर के जहर से मार देती है। हालाँकि ऐसा कोई ऐतिहासिक दस्तावेज़ नहीं है जो प्राचीन काल में विषकन्याओं के अस्तित्व की पुष्टि कर सके, फिर भी दुनिया भर के साहित्य और लोककथाओं में उल्लेख उनके अस्तित्व की पुष्टि करते हैं। विषकन्या के लिए हनी ट्रैप को आधुनिक शब्द माना जाता है। ये एक तरह की महिला जासूस होती हैं जो सेना के अधिकारियों से अहम जानकारियां हासिल करने के लिए अपनी खूबसूरती को हथियार की तरह इस्तेमाल करती हैं। ऐसे कई हनी ट्रैपर थे जो किंवदंतियाँ बन गए।

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