Sunday, July 7, 2024
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वैलेंटाइन डे से पहले मोहब्बत का अंत, पूर्व डच पीएम ने पत्नी के साथ चुनी इच्छा मृत्यु, जानें वजह

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India News (इंडिया न्यूज़) Story of former PM of Netherlands : 5 फरवरी से वैलेंटाइन की शुरुआत हो जाती है। 14 फरवरी को पूरी दुनिया के प्रेमी-प्रेमिका वैलेंटाइन डे पर अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं। पूरी दुनिया में खास कर ईसाई धर्म में वैलेंटाइन डे को खास मनाया जाता है। ऐसे में अगर किसी के प्यार का अंत हो जाए तो कितना दुःख भरा होता है। ऐसा ही एक मामला नीदरलैंड से सामने आया है। जहाँ के पूर्व प्रधयनमंत्री ड्राइस वैन एग्ट और उनकी पत्नी यूजीन ने साथ जान दे दी है।

बता दे, प्रधानमंत्री की उम्र 93 साल थी तो वही उनकी पत्नी की उम्र 89 साल थी। दोनों ने एक दूसरे के ‘हाथ में हाथ डालकर’ कानूनी रूप से इच्छामृत्यु अपना लिया है। दोनों ने 5 फरवरी को कानूनी तौर पर इच्छामृत्यु लिया था।

क्या है पूरा मामला

एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, एग्ट और उनकी पत्नी दोनों अपनी मृत्यु से पहले कुछ समय से बिगड़ते स्वास्थ्य से पीड़ित थे, लेकिन उनकी मृत्यु ने उनके 70 साल के रिश्ते को खत्म कर दिया। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगाट की मृत्यु उनकी प्यारी पत्नी यूजिनी के साथ हुई, जिनके साथ वह सत्तर साल से अधिक समय से साथ थे। वह हमेशा अपनी पत्नी को ‘माई गर्ल’ कहकर बुलाते थे।

2019 में हुआ था ब्रेन हेमरेज

ड्राइस वैन एग्ट नीदरलैंड की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक अपील पार्टी के पहले नेता थे। वह 1977 और 1982 के बीच बने प्रधानमंत्री थे। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, एग्ट को साल 2019 में ब्रेन हेमरेज हुआ था। इसके बाद वह कभी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाए। पति-पत्नी दोनों बीमार थे, दोनों का चलना भी मुश्किल हो गया था। दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते थे। इसीलिए दोनों ने एक साथ इच्छामृत्यु चुनी।

रिपोर्ट के मुताबिक एग्ट और उनकी पत्नी यूजिनी को पास की कब्रों में दफनाया गया है। आपको बता दें कि नीदरलैंड में डुओ यूथेनेसिया या इंजेक्शन द्वारा इच्छामृत्यु का चलन बढ़ रहा है। नीदरलैंड में हर साल लगभग 1,000 लोग मरने के लिए इच्छामृत्यु चुनते हैं। वहीं, अकेले साल 2022 में 29 जोड़ों ने इच्छामृत्यु का विकल्प चुना।

इच्छामृत्यु को किया गया वैध

नीदरलैंड में 2000 में इच्छामृत्यु को वैध कर दिया गया था। इस कानून के तहत पीड़ित छह स्थितियों में इच्छामृत्यु मांग सकता है। इच्छामृत्यु की मांग वे लोग कर सकते हैं जो ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं जो असहनीय दर्द का कारण बनती है, लाइलाज है या जिसमें सुधार की कोई संभावना नहीं है।

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