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सुरंग में फंसे सभी मजदूरों की जान बचाने के लिए जंग लगातार जारी, पिछले 5 दिनों से फंसी 40 जिन्दगियां  

• LAST UPDATED : November 17, 2023

India News(इंडिया न्यूज),Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग हादसे के बाद मौके पर बचाव एवं राहत का कार्य लगातार जारी है। सुरंग में 40 मजदूर पिछले 5 दिनों से फंसे हुए हैं। मजदूरों को बचाने की जंग लगातार जारी हैं। पूरे देश भर में मजदूरों की सलामती के दुआएं मांगी जा रही हैं। सुंरग में फंसे मजदूर हर सांस के लिए लड़ रहे हैं। अब इन मजदूरों ऑगर मशीनों के जरीए कवायद शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन मजदूरों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित

जिनकी बातचीत प्रतिनिधिमंडल की ओड़ीसा के लोगों से कराई गई। बातचीत के बाद प्रतिनिधिमंडल ने सुरक्षित होने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से मिली सूचना के मुताबिक सुरंग में फंसे मजदूर सुरक्षित हैं। साथ ही उन्हें किसी चीज कमी नहीं हैं। राशन, दवा, ऑक्सीजन, से संबंधित समस्या नहीं है।

5 दिनों से फंसी 40 जिंदगियां

ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी के कारण ड्रिलिंग प्रभावित हुई थी। मंगलवार को भूस्खलन होने और मिट्टी के गिरने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को बीच में ही रोकना पड़ा था। अब गुरूवार को नई ऑगर मशीन से मलबे की ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। ड्रिलिंग शुरू करने से पहले सिलक्यारा सुरंग के बाहर पूजा पाठ किया गया। भारतीय वायु सेना ने सी-130 हरक्यूलिस विमानों से 25 टन वजनी, बड़ी ऑगर मशीन के दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी लाई गई। इसके साथ ही इसका जायजा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री वी के सिंह, केंद्रीय नागर विमानन ने लिया।

सीएम धामी ने क्या कहा?

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मीडियां को बताया कि सात मीटर की गहराई तक ड्रिलिंग की गई। “हमें उम्मीद है कि पांच से सात मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाली ड्रिलिंग मशीन जल्द ही सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंच जाएगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बन रही सभी सुरंगों का निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। चारधाम में निर्माणाधीन ऑल वेदर रोड परियोजना सुरंग का एक हिस्सा सिल्क्यारा की ओर से लगभग 270 मीटर की दूरी पर ढह गया। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए दिवाली की सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।  राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सीमा सड़क संगठन के 160 बचावकर्मियों की एक टीम दिन-रात बचाव कार्य में लगी हुई है।

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