इंडिया न्यूज, लखनऊ:
UP Assembly Election 2022 सरकार बनाने के लिए एक एक सीट पर जीत अहम होती है। सभी राजनीतिक पार्टियां 10 विधानसभा सीटों वाले आजमगढ़ का रण जीतने के लिए दिन-रात एक किए हैैं। सपा-बसपा का गढ़ माना जाने वाला यह जिला खास इसलिए भी है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यहीं से सांसद भी हैं। ऐसे में एक-एक सियासी चाल पर ‘चुनावी चाणक्यों के कान खड़े हो रहे हैं। उधर, बसपा के मजबूत चेहरों के पार्टी से नाता तोड़ने के बाद से विकास की नाव पर सवार भाजपा की उम्मीदों को पंख लग गए हैं।
सबको संतुष्ट करना बड़ी चुनौती होगी UP Assembly Election 2022
यहां पहले से ही मजबूती का दावा करने वाली सपा कई और चेहरों को अपने साथ जोड़कर खुद को और सशक्त मान रही है, लेकिन दावेदारों की संख्या बढ़ने से सबको संतुष्ट करना बड़ी चुनौती होगी। बहरहाल, नित बदल रहे राजनीतिक समीकरण में कमल खिलाने या साइकिल को रफ्तार देने के लिए धुरंधरों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी और पूर्वांचल में चुनावी शह और मात का रोचक खेल भी यहीं दिखेगा। वहीं चुनावी दंगल में बसपा धनकुबेरों पर दांव लगाते हुए उन्हें मैदान मारने को समय का अचूक अस्त्र दे रही।
सपा-बसपा के इर्द-गिर्द घूमती सियासी कहानी UP Assembly Election 2022
वर्ष 1993 में सपा-बसपा गठबंधन भले कुछ ही दिनों बाद टूट गया, लेकिन जिले के वोटरों की निष्ठा अभी तक इन्हीं दोनों दलों के इर्द-गिर्द है। वर्ष 2017 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद परिदृश्य यही दिखा। सपा को पांच, बसपा को चार तो भाजपा को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा। भाजपा से जीते विधायक पूर्व सांसद रमाकांत यादव के पुत्र हैं। विपक्षी इस जीत का श्रेय उनके पिता को ही देते हैं।
UP Assembly Election 2022 अतरौलिया, मेंहनगर, लालगंज को छोड़ सभी विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति बहुल हैं। आजमगढ़ सदर सीट पर सपा के दुर्गा प्रसाद यादव वर्ष 1993 को छोड़ 1984 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। वर्ष 2017 में भाजपा के अखिलेश मिश्रा ने वोटों का रिकार्ड जरूर तोड़ा लेकिन 26,262 वोटों से हार गए थे। सवर्ण बहुल अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र में सपा के कद्दावर नेता बलराम यादव के बेटे डा. संग्राम यादव मामूली वोटों से जीत पाए। उन्हें भाजपा के कन्हैया निषाद ने जोरदार टक्कर दी थी।
पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतर रही है भाजपा UP Assembly Election 2022
वर्ष 2017 में भाजपा को सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहारा था, जबकि अबकी जोश डबल इंजन का है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, मंदुरी एयरपोर्ट, महाराजा सुहेलदेव के नाम से बन रहा विश्वविद्यालय, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे समेत गरीबों को जोड़ने वाली योजनाएं को लागू कर भाजपा जनपद में खुद को वर्ष 2022 में मजबूत आंक रही है।