(UP NEWS: Big revelations about the Rajupal murder case) : उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाला मामला प्रयागराज का राजूपाल हत्या कांड एक बार फिर सुर्खियों में है राजू पाल हत्या कांड में पुलिस की तरफ से उस समय के जांच अधिकारी रहे झाँसी के रहने बाले नारायण सिंह अब रिटार्यड हो चुके है।
- राजूपाल हत्या कांड एक बार फिर सुर्खियों में
- पाकिस्तान के नम्बरो से भी फोन आये
- तीन पुलिस के अधिकारियों द्वारा जांच की गई
राजूपाल हत्या कांड को लेकर हुए बड़े खुलासे
नारायण सिंह ने राजूपाल हत्या कांड को लेकर बड़े खुलासे किए है। नारायण सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि जब राजूपाल की हत्या के मुकदमे की जांच उनको मिली तब तक उस मामले में एक चार्ज सीट कोर्ट में दाखिल हो चुकी थी और पूरे मामले में तीन पुलिस के अधिकारियों द्वारा जांच की गई थी। लेकिन जांच करने वाले पुलिस के अधिकारियों ने एफआईआर में दर्ज मुजरिम को जांच में से निकलने का ही काम किया। जबकि राजू पाल की हत्या में कई लोग शामिल थे।
संसद अतीक अहमद के लोगो से मिली धमकियां
जांच करते करते नारायण सिंह ने राजूपाल की हत्या से जुड़े अहम सबूत और हत्या में शामिल लोगो की भूमिका की जांच शुरू की। तब तक नारायण सिंह को नेताओ और संसद अतीक अहमद के लोगो से धमकियां मिलने लगी और मुजरिम को जांच में से निकालने के लिए दवाब बनाया जाने लगा।
पाकिस्तान के नम्बरो से भी फोन आये
कई बार पाकिस्तान के नम्बरो से भी इनके पास फोन आये। सबसे ज्यादा दबाव गुड्डू बमबाजा और अब्दुल कवि को निकालने के लिए बनाए जाने लगा। लेकिन जब नारायण सिंह नही माने तो पैसे के प्रलोभन में इनको खरीदने का काम किया। लेकिन नारायण सिंह अतीक अहमद और उसके गुर्गों के आगे नही बिके।