UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग (OBC) आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर सपा (SP) के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप (Rajpal Kashyap) ने सवाल उठाए हैं।
खबर में खास:
- OBC आयोग की सरकार के सामने क्या है हैसियत ?
- सरकार ने हाईकोर्ट के सामने ठीक से नहीं रखे आंकड़े
OBC आयोग की सरकार के सामने क्या है हैसियत ?
कश्यप ने आरोप लगाते हुए कहा कि “आयोग ने रिपोर्ट जरूर सौंप दी है लेकिन जो आयोग निष्पक्षता के लिए बनाया जाता है। वह कितने दबाव में होगा जिसने सरकार के सामने जूते तक उतार दिए। अब उन्होंने क्या रिपोर्ट दी होगी। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। क्या रिपोर्ट में आंकड़े होंगे वह तो जब रिपोर्ट सामने आएंगी। तब सही जानकारी मिल इससे पता लगता है कि OBC आयोग की सरकार के सामने क्या हैसियत है।”
सरकार ने हाईकोर्ट के सामने ठीक से नहीं रखे आंकड़े
कश्यप ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि “सरकार ने अगर ठीक से आंकड़े हाईकोर्ट में रखे होते तो सुप्रीम कोर्ट तक की नौबत ही नहीं आती। इन्होंने जिस तरह से आंकड़ों में हेराफेरी की इससे हाईकोर्ट ने आरक्षण ही खत्म कर दिया था। हाई कोर्ट ने कह दिया था कि बिना आरक्षण के ही चुनाव करा दो। वह तो समाजवादी पार्टी सुप्रीम कोर्ट गई और मांग उठाई की बिना आरक्षण के चुनाव ना हो, तब उस पर निर्णय हुआ कि बिना आरक्षण के चुनाव नहीं होगा। इसके बाद कोर्ट ने तीन महीने का वक्त दिया, लेकिन मैं पूर्वांचल के कई जिलों में दौरे पर गया और वहां पूछा कि क्या कोई कर्मचारी उनके क्षेत्र, विधानसभा, उनके घर पर कुछ पूछने आया है।” सपा नेता ने दावा करते हुए कहा कि कोई जानकारी लेने आया है संख्या को लेकर? तो किसी ने नहीं बताया कि उनके यहां कोई आया हो। ओबीसी की गणना होनी थी। ट्रिपल टेस्ट के माध्यम से सीट का निर्धारण होना था। जब कोई किसी के यहां गया ही नहीं तो रिपोर्ट कैसे बन गई।
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