Sunday, July 7, 2024
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UP Politics: जब सदन में नहीं हैं पर्याप्त विधायक, फिर सपा ने क्यों उतारे एमएलसी प्रत्याशी, जानिए क्या कहते हैं जानकार

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India News (इंडिया न्यूज), UP Politics: यूपी विधानपरिषद (MLC) की खाली दो सीटों पर अब 29 मई को चुनाव होना है।कल बीजेपी (BJP) और सपा (Samajwadi Party) के प्रत्याशियों ने नामांकन किया। बीजेपी (BJP) ने इन दोनों सीटों पर पूर्व सांसद पद्यसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह को उतारा है।

हालांकि एमलएसी चुनाव में सपा ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं सपा की जीत संभावना इस विधानपरिषद के चुनाव मे काफी कम है। सपा ने राम जतन राजभर और रामकरन निर्मल को इन दो खाली सीटों पर मैदान में उतारा है।

विधायकों का गणित समझिए

उल्लेखनीय है कि विधान परिषद की दोनों सीटें इस वर्ष 15 फरवरी को भाजपा के एमएलसी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के इस्तीफा देने और बनवारी लाल दोहरे की मौत के बाद रिक्त हुईं थी, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य का कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक था तो बनवारी लाल का कार्यकाल 6 जुलाई 2028 तक था।

जानकारों का कहना है कि दोनों सीटों पर बीजेपी की जीत हो सकती है। क्यों कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा में बीजेपी के सबसे ज्यादा विधायक हैं। एमएलसी में जीत के लिए बीजेपी को 202 विधायकों की जरूरत है जबकि बीजेपी के पास 255 विधायक है। ऐसे में बीजेपी दोनों सीटों पर जीत सकती है।

कब है चुनाव

यूपी विधान परिषद की रिक्त दोनों सीटें उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की हैं और दोनों का कार्यकाल अलग-अलग है। चुनाव अधिकारी मोहम्मद मुशाहिद ने जानकारी देते हुए बताया कि एमएससी के चुनाव में एक सीट पर जीत के लिए कम से कम 202 विधायकों का वोट होना चाहिए।

बीजेपी के पास सदन में कुल गठबंधन मिला कर 274 सदस्य है। वहीं सपा के कुल गठबंधन को मिला दिया जाए तो सपा के पास 118 विधायक ही हैं। ऐसे में सपा की जीत की संभावना काफी कम है।

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