India News (इंडिया न्यूज़) सुशील कुमार UP Politics लखनऊ : संजय निषाद के विकल्प के रूप में उभर जय प्रकाश निषाद, निषादों का असली नेता कौन कई ऐसे सवाल है जिनका जवाब शायद हर किसी को चाहिए। क्योकि डॉ संजय निषाद निषादों के नेता के रूप में सत्ता में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की थी।
लेकिन अब जब आरक्षण नहीं मिल पाया तो जय प्रकाश निषाद ने आरक्षण की मांग को तेज कर दिया और उसे मुद्दा बना कर निषादों के सामने एक नए चेहरे के रूप में सामने खड़े हो गए।
गोरखपुर में निषादों के नेता कौन?
गोरखपुर में निषादों के नेता कौन। क्यों छिड़ी निषाद के नेता के चेहरे की जंग। जी हां गोरखपुर डॉ संजय निषाद निषादों के नेता अपने को कहते कहते सत्ता में जगह पा गए और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गये।
लेकिन पिछले 6 सालो में निषाद के नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले डॉ संजय निषाद ने आरक्षण को लेकर बात कही लेकिन अभी तक आरक्षण नहीं मिला। नतीजा अब डॉ संजय निषाद के सामने निषादों की नेता के रूप में विकल्प बन कर खड़े हो गए पूर्व राज्य सभा सांसद जय प्रकाश निषाद।
उन्होंने कुछ हफ्ते पहले एक विशाल कार्यक्रम निषादों का महाकुम्भ करके अपनी ताकत दिखाई और ये बताया कि निषाद उनके साथ है। डॉ संजय निषाद के साथ नहीं, डॉ संजय निषाद ने सिर्फ उन्हें छलने का कम किया है। निषादों के वोट बैंक से अपने कुनबे को आगे बढ़ाया है। परिवार वाद को आगे बढाया है।
इसे अब समाज कभी भी बरदास नहीं करेगा और कसरवल काण्ड को लेकर भी सीएबीआइ जाँच की मांग जय प्रकाश निषाद ने उठाई है और कहा है कि इस बार के चुनाव में उन्हें पता चल जाएगा की निषाद किसके साथ है। यानी अब निषाद डॉ संजय निषाद के साथ नहीं बल्कि जय प्रकाश निषाद के साथ है।
न करे परिवारवाद – डॉ संजय निषाद
वही दूसरी तरफ निषादों के महीसा अपने को बताने वाले डॉ संजय निषाद ने पलटवार करते हुए कहा कि निषाद उनका परिवार है और जो लोग परिवार वाद की बात करते है।
वो पहले अपने गिरेबान में झाँक कर देखे कि वो किस सरकार की उपज है, क्योकि निषाद ही मेरा परिवार है। निषाद समाज के लिए । मैंने अपने पूरे परिवार को समर्पित कर दिया हु। मेरे दोनों बेटे मेरी आवाज को संसद में बुलदं करके हमारे समाज की आवाज बनते है।
इसलिए मेरे ऊपर आरोप गलत है और निषाद मेरा परिवार है। मेरे घर खाना खाते है, मेरे साथ चलते है। निषाद की लडाकी को लेकर मै हमेसा लड़ता रहा हु और केंद्र सरकार निषादों के आरक्षण को लेकर लगातार कहती है।
चूँकि मै इस समाज का वकील हु और इनकी वाकाल्ट करता हु। ये लग है। कोई चीज सही करने में थोड़ा वक्त लगता है। सपा और बसपा व् कांग्रेस ने इस समाज का हमेसा तिरस्कार किया है।
लेकिन बीजेपी ने निषाद को लेकर हमेसा कहा है और इसको लेकर इनके आरक्षण को लेकर पहल भी की है। इस कारण हमारे पर आरोप लगाना ये गलत है और जो आरोप लगाते है। वो पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखे।
समाज को न करें गुमराह – संजय निषाद
एक तरफ डॉ संजय निषाद अपने को निषादों का नेता कहते है। दूसरी तरफ निषादों के नेता एक रूप में विकल्प बन कर उभरने वाले जय प्रकाश निषाद ने गंभीर आरोप लगाया है। डॉ संजय निषाद पर कहा कि ये समाज को गुमराह करने वाले है और समाज का इस्तेमाल किया है।
इन्होने जिसे अब हमारा समाज कतई बर्दाश नहीं करेगा और हमारा समाज इस बार इन्हें सबक सिखाने का काम करेगा और आने वाले चुनाव में इन्हें पता चल जाएगा साथ ही अभी कुछ हफ्ते पहले हुए निषादों के महाकुम्भ में आई भीड़ को देख कर अंदाज भी लगाया जा सकता है |
अब ऐसे में डॉ संजय निषाद अपनी राग अलाख रहे है। और जय प्रकाश निषाद अपनी लेकिन इन दोनों के आपसी जंग में बेचारे निषाद समाज पिस रहे है और ये कन्फ्यूज है। कि उनका असली नेता कौन है।
किसे वो अपना नेता माने और किसके नेत्रित्व में राजनीती की लड़ाई को लड़े फिलहाल मिशन 2024 को लेकर बीजेपी के साथ निषाद खड़ा है। एसा कहना दोनों निषाद नेताओं का है।