Uttar Pradesh
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम नीति में बड़ा बदलाव किया गया है। निगम अब डग्गामार बसों को अनुबंधित करेगा। इसके तहत अब रोडवेज बसें गांव-गांव तक पहुंचेंगी। नई अनुबंध नीति में इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर काम शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में रोडवेज के बेड़े में 11200 बसों का संचालन हो रहा है। इनमें 2200 अनुबंधित हैं। रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में साढे़ तीन हजार से ज्यादा निजी बसें डग्गामारी कर रही हैं जबकि विभाग कुल 15 हजार बसों को अनुबंध पर रखेगा।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि 15 दिनों में बसों में डिजिटल पेमेंट से टिकट बनाने की सुविधा शुरू हो जाएगी। ज्यादा से ज्यादा टिकट यूपीआई के जरिए बनें, इसलिए परिचालकों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है। हर क्षेत्र में सबसे ज्यादा यूपीआई से टिकट बुक करने वाले टॉप थ्री कंडक्टरों को विशेष पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा।
300 बसों के अनुबंध पत्र संबंधी प्रस्ताव मिले
प्रबंध निदेशक रोडवेज संजय कुमार के मुताबिक लगभग 300 बसों के अनुबंध के लिए पत्र मिल चुके हैं। मार्च तक 5 हजार बसों को अनुबंधित करने का लक्ष्य है। इसके बाद अगला चरण शुरू होगा। अनुबंधित बसों में स्कैनिया, एसी, स्लीपर सभी शामिल होंगी। साथ ही ये ग्रामीण क्षेत्रों में 70 किमी के बजाय 150 किमी की दूरी तय करेंगी। यानी एक ही बस कई जिलों को कवर कर सकेगी।
नीति में ये हुए बदलाव
- उन डीजल बसों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही है जो पंजीयन तारीख से पांच वर्ष की आयु पूरी कर चुकी हों।
- इसके अलावा सीएनजी बस पंजीयन तारीख से आठ वर्ष की आयु पूरी होने तक अनुबंधित की जा सकेगी।
मॉडल व पंजीकरण तारीख में एक वर्ष का अंतर भी मान्य होगा। - नई बसों को अनुबंध के बाद दो माह समय दिया जाएगा जबकि पुरानी तत्काल चलाई जा सकेगी। अनुबंध अवधि दस वर्ष की है।
- डिजिटल पेमेंट से टिकट बनाने वाले परिचालकों को मिलेगी परिवहन निगम रोडवेज बसों में यूपीआई के जरिए टिकट बनाने वाले परिचालकों को प्रति टिकट एक रुपये प्रोत्साहन राशि देगा।
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