India News(इंडिया न्यूज़), Ayodhya Crime News: अयोध्या के नगर थाने से कुछ दूरी पर स्थित टेढ़ी गली निवासी मशहूर रंगकर्मी और लेखक गोपाल कृष्ण वर्मा ने शुक्रवार की सुबह अपनी 85 वर्षीय मां की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने तीन पन्नों के पत्र के जरिए अपना कबूलनामा वायरल कर दिया। वायरल लेटर में एक्टर ने कर्ज में डूबे होने, अपनी और अपनी मां की बीमारी के बारे में लिखा और कहा कि वह उनका दुख नहीं देख सकते। उन्होंने यह भी लिखा कि उन्हें जो भी सजा मिलेगी वह स्वीकार्य होगी। पत्र वायरल होते ही हड़कंप मच गया। एसपी सिटी मधुबन सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच की, लेकिन हत्या से इनकार किया। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण पता चलेगा।
टेढ़ी गली निवासी 85 वर्षीय कृष्णा वर्मा अपने बेटे बालकृष्ण, गोपालकृष्ण और अनुराग वर्मा के साथ रहते हैं। बालकृष्ण दिव्यांग हैं। गोपालकृष्ण डेढ़ दशक पहले एक सक्रिय थिएटर कलाकार थे। इसके साथ बिजनेस भी है। शुक्रवार सुबह गोपाल कृष्ण का लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र को अपने करीबियों को भेजते हुए उसने अपने कर्ज और मां की बीमारी का जिक्र किया और उनकी हत्या करने की बात कबूल की। पत्र के वायरल होते ही पुलिस टीम सुबह करीब साढ़े पांच बजे गोपालकृष्ण के आवास पर पहुंची।
पुलिस ने वृद्धा के शव को कब्जे में ले लिया। फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर हर पहलू की जांच की। एसपी सिटी मधुबन सिंह ने परिजनों से बातचीत कर घटना की जानकारी ली। एसपी सिटी ने बताया कि कृष्णा वर्मा की मौत की सूचना उनके बेटे अनुराग वर्मा ने पुलिस को दी। जिसमें पंचायतनामा की कार्रवाई की गई। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गोपाल कृष्ण के आत्मसमर्पण करने का कोई तथ्य नहीं है। गोपाल कृष्ण द्वारा लिखा गया एक पत्र बताया जा रहा है। अभी पुलिस तक पत्र नहीं पहुंचा है। प्राप्त होने पर इसकी भी जांच कर कार्रवाई की जायेगी।
घटना के बाद कहां गए गोपालकृष्ण? यह रहस्य है। परिजनों के मुताबिक उन्हें गोपाल कृष्ण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सुबह गोपाल कृष्ण का सरेंडर का दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कुमार पांडे का कहना है कि गोपाल कृष्ण अपने परिवार के साथ हैं। कुछ लोगों ने सुबह उसे चौक पर देखे जाने की जानकारी दी थी। उन्हें थाने आने से भी मना नहीं किया गया, लेकिन उन्होंने पुलिस के पास आकर सरेंडर नहीं किया।
गोपाल कृष्ण की पूरी कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी लगती है। उनके भाई अनुराग वर्मा के मुताबिक उन्हें मामले की जानकारी तब हुई जब सुबह 5। 30 बजे पुलिस पहुंची। फॉरेंसिक जांच टीम के मुताबिक, छह घंटे के बाद शरीर अकड़ना शुरू हो जाता है। यह प्रक्रिया 12 घंटे तक चलती रहती है जिसके कारण 12 से 1 बजे के बीच मृत्यु होने की संभावना रहती है। दूसरी ओर, यह भी तथ्य सामने आ रहा है कि गोपालकृष्ण अपने परिचितों को पत्र वायरल करते हैं, लेकिन उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों का दावा है कि उन्हें घटना की कोई जानकारी नहीं है।
कोतवाली नगर प्रभारी अश्वनी कुमार पांडे ने बताया कि सभी अनुभवी पुलिस कर्मियों और फील्ड यूनिट के लोगों का मानना है कि महिला की स्वाभाविक मौत हुई है। हत्या की संभावना बहुत कम है। परिजन इस बात को सिरे से नकार रहे हैं। परिजनों के मुताबिक वह 10-15 दिन से ज्यादा समय से डिप्रेशन में थे।
गोपाल कृष्ण की गिनती स्थानीय थिएटर कलाकारों में होती है। वह पिछले 15 साल से थिएटर से दूर थे। उनका मुख्य काम वेडिंग कार्ड बिजनेस है जिसमें गोपालकृष्ण ने अपने वायरल लेटर में कहा है कि उन्हें भारी घाटा और कर्ज का सामना करना पड़ रहा है। गोपाल कृष्ण के भाई अनुराग ने बताया कि वह जिले के अच्छे थिएटर आर्टिस्ट हैं। उन्होंने थिएटर में काम किया है। इसके साथ ही मुझे लिखने का भी बहुत शौक है।
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