India News UP (इंडिया न्यूज़),Voting Rule: आपने कभी सोचा है कि जेल में अपनी सजा काट रहे कैदी वोट डालते भी है या नहीं? देश की 1330 और यूपी की 77 जेलों में बंद पांच लाख से अधिक कैदियों को वोट करने का अधिकार नहीं है। भले ही इन कैदियों का नाम वोटिंग लिस्ट में हो लेकिन वो अपने वोट का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। ऐसे ही यूपी के पांच दिग्गज नेता हैं जो अपने मत का इस्तेमाल नहीं कर सकते है। ये नेता हैं धनंजय सिंह इरफान सोलंकी, अब्दुल्ला आजम, आजम खान, अब्बास अंसारी। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी वोट नहीं डाल पाएंगे। देश में 7 चरणों में मतदान होने हैं। उनमें से पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को हो गई है।
अब सवाल यह उठता है कि जब नेता जेल में रहकर चुनाव लड़ सकते हैं तो वोट क्यों नहीं दे सकते? आपको बता दें कि यूपी में हरिशंकर तिवारी ने 1985 में जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सिर्फ तिवारी ही नहीं उनके अलावा वीरेंद्र शाही, राजा भैया, अखिलेश सिंह, मुख्तार अंसारी और आजम खान ने जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
हर नागरिक अपनी पसंद की सरकार चुनना चाहता है। इसके लिए सभी लोग वोट करेंगे और चुनाव आयोग भी सभी से वोट करने की अपील कर रहा है। लेकिन, इस बार साढ़े पांच लाख लोग वोट नहीं कर पाएंगे, ऐसा इसलिए क्योंकि वे देश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं।
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दरअसल, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62 (5) के अनुसार, जो व्यक्ति न्यायिक आदेश से जेल में है या पुलिस हिरासत में है, उसे वोट देने का अधिकार नहीं है। क्या उसे कोर्ट ने सजा सुना दी है या फिर वह जेल में है और अपने मामले पर कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है।
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