Sunday, July 7, 2024
Homeउत्तर प्रदेशAllahabad High Court: हाई कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्राईब्यूनल के आदेश के...

Allahabad High Court: हाई कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्राईब्यूनल के आदेश के खिलाफ जारी की याचिका, सरकार ने याचिका पर जताई आपत्ति

- Advertisement -

India News (इंडिया न्यूज़),Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा की संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश के हाईकोर्ट में खिलाफ याचिका पोषणीय है।

कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय अधिवक्ता बार एसोसिएशन के मामले में अवधारित किया है कि एनजीटी अधिनियम की धारा 22 द्वारा हाईकोर्ट की पुनर्विलोकन की शक्ति को समाप्त नहीं किया जा सकता। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मैसर्स होटल द ग्रैंड तुलसी और 15 अन्य की याचिका पर दिया है।

भूजल का अवैध दोहन कर रहे है होटल

गाजियाबाद के 122 होटलों द्वारा अवैध रूप से भू गर्भ जल निकासी को लेकर एनजीटी में अर्जी दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि क्षेत्र के अधिकांश होटल नगर निगम अधिकारियों से आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना भूजल का अवैध दोहन कर रहे हैं।

होटल संचालकों प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी हाईकोर्ट में चुनौती

एनजीटी ने क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को होटलों में कमरों की संख्या के आधार पर अंतरिम पर्यावरण मुआवजा लगाने का निर्देश दिया। होटल संचालकों (याचियों) ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। कहां कि उन्हें सुने बिना भारी मुआवजे का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

होटलों के अधिवक्ता ने कहा..

सरकार की तरफ से याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की गई। कहा ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ अपील का प्रावधान है। होटलों के अधिवक्ता ने कहा कि अनुच्छेद 226 और 227 के तहत न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा है। एनजीटी की धारा 22 से यह शक्ति प्रभावित नही होगी।

ALSO READ

SHARE
RELATED ARTICLES

Most Popular