India News (इंडिया न्यूज़), lekhpal bharti Exam: आज के 21 वी दशक में सरकारी नौकरी को लेकर लोगों का थोड़ा मन बदला है लेकिन आज भी उत्तर प्रदेश और बिहार में सरकारी नौकरी को लेकर युवाओं में बहुत ज्यादा क्रेज़ है। साथ ही यूपी – बिहार के परिजनों में भी बच्चो को सरकारी नौकरी में देखने का बहुत मन होता है।
अभी दो दिन पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द हुई है। इसके बाद अब एक और पेंच फस गया है। इसके बाद अब सहायक समीक्षा अधिकारी (RO-ARO) और समीक्षा अधिकारी भर्ती के अभ्यर्थी कई दिनों से पेपर लीक का दावा कर उसको रद्द करने की मांग चल रही है। उद्दर 69000 शिक्षक भर्ती के छात्रों के 6800 पदों पर अभी भी नियुक्ति नहीं मिली है।
आपको बता दे, यूपी में लेखपाल के 8 हजार 85 पदों पर चयनित छात्रों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी गई है। चयनित छात्र काफी समय से इसका इंतजार कर रहे थे। 23 फरवरी को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चयनित युवाओं को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र देने वाले थे।
लेकिन अब उन्हें जानकारी मिली कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सिफारिश पर राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी है।
30 दिसंबर 2023 को यूपी लेखपाल भर्ती का रिजल्ट जारी कर सभी चयनित छात्रों को तहसील आवंटित कर दी गई और योगदान रिपोर्ट भी ले ली गई। नियमानुसार योगदान रिपोर्ट की तिथि को ही ज्वाइनिंग तिथि माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद नियुक्ति पत्र रोक दिया गया।
अचानक लिए गए इस फैसले से नाराज छात्रों ने लखनऊ स्थित राजस्व परिषद मुख्यालय पहुंचकर सचिव से मुलाकात की और नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
दरअसल, 13 फरवरी को एक छात्र ने भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित कर विभाग को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी थी। कुछ छात्रों का कहना है कि राजस्व परिषद को चयनित लेखपाल छात्रों को नहीं भेजना चाहिए।
छह जनवरी को ही सूची दे दी गयी थी। अंतिम चयन परिणाम जारी होने के बाद कुछ छात्र सुप्रीम कोर्ट गए और कोर्ट ने मामले में अंतिम फैसला आने तक नियुक्ति पत्र बांटने पर रोक लगा दी। यदि सूची जारी होने के बाद जनवरी में ही नियुक्ति पत्र बांट दिए गए होते तो यह मामला नहीं फंसता।
अब छात्रों को इसके लिए और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की डबल बेंच को लंबित मामलों को चार सप्ताह के भीतर निपटाने का आदेश दिया है। इसके बाद 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा और फैसले के बाद नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।
हालांकि छात्रों का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को अपने विवेक से फैसला लेने को कहा है तो फिर विभाग उनका नियुक्ति पत्र क्यों रोक रहा है, विभाग को जल्द से जल्द उनका नियुक्ति पत्र जारी करना चाहिए।
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