India News (इंडिया न्यूज़), Uttarakhand News: उत्तराखंड में पिछले पांच माह में 14 बाघों की मौत के मामले सामने आए है, इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने रिपोर्ट को तलब किया है। देश के महानिदेशक वन सीपी गोयल ने इससे जूडे संबंध में उत्तराखंड वन विभाग के अधिकारियों से अपडेट ली और रिपोर्ट को सौंपने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस जांच कि रिपोर्ट को सौंपने का निर्देश दिया है। इसी माह पांच जून को अमर उजाला ने 12 बाघों की मौत के मामले को प्रमुखता से उठाते हुए खबर को प्रकाशित किया था और इसी बीते माह में दो और बाघों की मौत होने की खबर सामने आई। इस तरह पांच माह में बाघों की मौत का आंकड़ा 14 पर जा पहुंचा है।जिसमें से 14 में से 10 कार्बेट टाइगर रिजर्व सहित कुमांऊ वन का है।
आखीर फाइनल रिपोर्ट में क्यों हो रही है देरी
उत्तराखंड वन विभाग से पहले ही जांच के आदेश दे दिए गए है,लेकिन अभी फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है।सूत्रों की माने तो कुछ मामलों में मारे गए बाघों की डीएनए रिपोर्ट अभी वन विभाग के पास नहीं आई है,इसी कारण अभी फाइनल रिपोर्ट में देरी हो रही है।
बाघ पर पहला मौत का मामला 23 जनवरी को
इस साल बाघ की मौत का मामला 23 जनवरी को सामने आया था।यहा कार्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज में बाघ मृत अवस्था में पाया गया था और उसी के पास कुमांऊ के पक्ष्चिम वृत नैनीताल,तीसरा फतेपुर रेंज ,हल्द्वानी आदि में पाए गए थे।बाकी अन्य बाघों की मौत का आंकड़ा वेबसाइट पर अपडेट नहीं किया गया है ।बाघों की मौत के मामले में अभी जांच चल रही है तो दो तीन दिनों में फाइनल रिपोर्ट मिल सकती है।
By- kaihkasha Chaudhary
ये भी पढ़ें:- International Yoga Day 2023: उत्तराखंड में सीएम धामी, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने किया योग, देखें कुछ तस्वीरें..