Sunday, June 2, 2024
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100 एनकाउंटर…, जानें UP के ‘सिंघम’ की कहानी, जिसे मिली लॉ एंड आर्डर की अतिरिक्त जिम्मेदारी

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India News (इंडिया न्यूज़) Who is ADG Amitabh Yash?: किसी भी पुलिस अधिकारी जो निर्भीक होना बहुत जरुरी होता है और उत्तर प्रदेश के पुलिस इसके आगे है। आपने सिंघम फिल्म जरूर देखा होगा। ये देखने के बाद आपको भी लगता होगा कि रियल में भी ऐसा कोई होना चाहिए। अगर ऐसा है तो आपको बता दे इस पुलिस अधिकारी की कहानी जो किसी सिंघम के रोल से काम नहीं है। यही वजह है कि इसको दोबारा से अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है।

क्या है सिंघम की कहानी

इस पुलिस अधिकारी से अपराधी थर-थर कांपते हैं। जिसका नाम है अमिताभ यश। इस पुलिस अधिकारी को उत्तर प्रदेश का नया एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया है। अमिताभ यश यूपी एसटीएफ के साथ-साथ कानून-व्यवस्था का अतिरिक्त प्रभार भी देखेंगे। यूपी पुलिस में अमिताभ यश वो नाम हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि अपराध खत्म करना हो तो इन्हें बुलाओ।

अमिताभ यश भी उसी माटी से हैं जिस माटी में बाबू वीर कुँवर सिंह का जन्म हुआ। बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले अमिताभ यश के पिता भी एक आईपीएस अधिकारी थे। पिता का नाम रामयश सिंह था। भोजपुर के लोग रामयश सिंह का नाम बड़े सम्मान से लेते हैं। अमिताभ ने अपनी पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पूरी की। मेरे दिल में शुरू से ही एक आईपीएस अधिकारी बनने की इच्छा थी, इसलिए मैंने यूपीएससी की परीक्षा दी और परीक्षा में सफल होकर आईपीएस अधिकारी बन गया।

सहारनपुर में भी दी है सेवा

अमिताभ यश ने हरदोई, जालौन, सहारनपुर में सेवाएं दी हैं। नोएडा, सीतापुर, बुलन्दशहर और कानपुर में एसपी और एसएसपी रहते हुए उन्होंने अपराध नियंत्रण में अहम भूमिका निभाई। मई 2017 में अमिताभ एसटीएफ के आईजी बने।

पहली पोस्टिंग कहा हुई

पुलिस कप्तान के रूप में अमिताभ यश की पहली पोस्टिंग यूपी के संतकबीरनगर जिले में हुई थी। अमिताभ शुरू से ही निडर थे। कहा जाता है कि वह 24 घंटे एक्टिव रहते हैं। बस एक चीज़ है जो उसे पसंद नहीं है।।। वह है अपराध। कुछ ही दिनों में अमिताभ संतकबीरनगर के लोगों के लिए हीरो बन गए। यहां के लोगों के बीच आज भी यह चर्चा है कि ‘रात के 2 बजे होंगे, फिर भी फोन करने पर कैप्टन साहब फोन उठाते होंगे।

यूपी का बुन्देलखण्ड।।।कभी यहां कुख्यात डकैत ददुआ ने आतंक का राज कायम कर रखा था। ददुआ के लिए किसी की हत्या करना बहुत आम बात थी। 2007 में मायावती की सरकार थी। विपक्ष बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर दबाव बना रहा था। ऐसे में ददुआ पर लगाम कसना जरूरी हो गया था। तभी मायावती सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की नजर अमिताभ यश पर पड़ी। ददुआ को पकड़ने के लिए एसटीएफ की टीम बनाई गई, जिसमें अमिताभ यश बतौर एसएसपी शामिल हुए। इसके बाद इस टीम ने मुठभेड़ में ददुआ को मार गिराया। इसके बाद कुख्यात अपराधी ठोकिया के खिलाफ अभियान चलाया गया। ठोकिया भी मुठभेड़ में मारा गया।

100 से ज्यादा अपराधी मारे गये

अमिताभ यश ने अब तक अपनी सर्विस के दौरान 100 से ज्यादा अपराधियों को मार गिराया है। यूपी में अतीक अहमद और मुख्तारी अंसारी गैंग के कई शूटर एनकाउंटर में मारे गए। इसके अलावा राज्य में कई बड़े घोटालों की जांच की गई। चाहे आयुष भर्ती घोटाला हो या टीईटी पेपर लीक मामला, इन मामलों का खुलासा हुआ और आरोपियों को जेल भेजा गया। यूपी के कुख्यात विकास दुबे गैंग का खात्मा भी अमिताभ यश के नेतृत्व में ही हुआ था।

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