India News UP (इंडिया न्यूज़),Insurance Charges: तेजी से बदलते इंश्योरेंस सेक्टर में कई बदलाव किए गए हैं। बीमा नियामक IRDAI ने इसके लिए कई नए नियम अधिसूचित किए हैं। आईआरडीए द्वारा अधिसूचित नियमों में पॉलिसी सरेंडर शुल्क से संबंधित नियम भी शामिल हैं।
इसी कारण हुआ मर्ज
IRDA ने एक बयान में नए नियमों को अधिसूचित करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईआरडीए (बीमा उत्पाद) विनियम 2024 में छह विनियमों को एक एकीकृत ढांचे में विलय कर दिया गया है। बीमा नियामक का कहना है कि विभिन्न नियमों के विलय का उद्देश्य बीमा कंपनियों को बाजार की तेजी से बदलती मांगों को पूरा करने में सक्षम बनाना, व्यवसाय करना आसान बनाना और बीमा की पहुंच का विस्तार करना है।
अप्रैल से प्रभावी होंगे बदलाव
बीमा नियामक द्वारा किए गए ये बदलाव 1 अप्रैल, 2024 यानी नए वित्तीय वर्ष से लागू होने जा रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 2023-24 कुछ दिन बाद 31 मार्च को खत्म हो रहा है। उसके बाद 1 अप्रैल, 2024 से नया वित्तीय वर्ष 2024-25 शुरू होगा। आईआरडीए के अनुसार, नए नियमों के कार्यान्वयन से यह सुनिश्चित होगा कि बीमा कंपनियां सर्वोत्तम प्रबंधन प्रथाओं का पालन करें।
समर्पण मूल्य में होगी बढ़ोतरी
IRDA के नए नियमों में एक बड़ा बदलाव पॉलिसी सरेंडर पर लगने वाले चार्ज को लेकर है। यदि कोई बीमा धारक अपनी बीमा पॉलिसी को परिपक्वता तिथि से पहले बंद कर देता है, तो बीमा कंपनियां इसके लिए कुछ शुल्क लगाती हैं, जिसे पॉलिसी सरेंडर चार्ज कहा जाता है। IRDA के मुताबिक, अब अगर कोई बीमाधारक चौथे से सातवें साल में पॉलिसी सरेंडर करता है तो सरेंडर वैल्यू थोड़ी बढ़ सकती है।
बैठक हुई थी बदलाव
बीमा नियामक ने इसी महीने विभिन्न नियमों के विलय को मंजूरी दी थी। आईआरडीए ने 19 मार्च को एक बैठक की, जिसमें आठ सिद्धांतों पर आधारित समेकित नियमों को मंजूरी दी गई। इससे पहले नियामक ने बीमा क्षेत्र के नियामक ढांचे की विस्तृत समीक्षा की थी, जिसके बाद बदलाव किये गये।
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